18 SEP 2025
दोस्ती में छोटी-छोटी अनबन भी बच्चों में बहुत दुख पैदा कर सकती है। ऐसे में उन्हें सलाह से ज्यादा शांति भरे मार्गदर्शन की जरूरत होती है। आइये जानें आप ऐसे में अपने बच्चों का मार्गदर्शन कैसे कैसे कर सकते हैं।
बच्चों की दोस्ती में हुई अनबन को सही करने में जल्दबाजी न दिखाएँ। इससे उनकी भावनाओ को चोट पहुँच सकती है साथ ही दोस्ती में दरार आ सकती है।
उनकी फीलिंग्स को अपने बचपन की बातों से जोड़कर उन्हें बताएं। जो अदृश्य धागों की तरह काम कर सकती हैं। साथ ही ओवेरथिकिंग को कण्ट्रोल करने में मदद कर सकती हैं।
आम प्रवृत्ति दूसरे बच्चों को "बुरा" कहकर अपने बच्चे की सुरक्षा करना है। लेकिन अनजाने में यह दर्द को बढ़ावा देने के साथ-साथ दो दोस्तों में लंबी कड़वाहट पैदा करने का कारण बन सकती है।
घर पर अपने बच्चों के साथ हंसी-मज़ाक, बेवकूफ़ी भरे खेल या मनगढ़ंत कार्य करें। जिससे उनका मन बेहतर हो सकता है।
बच्चों में धीरे-धीरे पेंटिंग, जर्नलिंग या बर्डवॉचिंग जैसे शौक जगाने की कोशिश करें। जिससे उन्हें अकेले समय बिताना आसानी से सिखाया जा सकता है । इससे उन्हें पुरानी यादें भूलाने में मदद मिल सकती है।
माता-पिता को बच्चों की दोस्ती की जिम्मेदारी नहीं लेनी चाहिए। बल्कि, उन्हें खुद से उनकी दोस्ती के बारे में तय करने देना चाहिए, इससे उनकी दोस्ती में आपसी बढ़ावा मिल सकता है।