भगवान बुद्ध के 8 अनमोल वचन

ज्ञानी DOST

07 SEP 2025

  PART 1 

मनुष्य क्रोध को प्रेम से, पाप को सदाचार से, लोभ को दान से और झूठ को सत्य से जीत सकता है।

  पुष्प की सुगंध वायु के विपरीत कभी नहीं जाती, लेकिन मानव के सद्गुण की महक सब और फ़ैल जाती है।

  हजारों योद्धाओं पर विजय पाना आसान है, लेकिन जो अपने ऊपर वियज पाता है वही सच्चा विजयी है।

सात सागरों में जल की अपेक्षा मानव के नेत्रों से कहीं अधिक आँसू बह चुके।

 अभिलाषा सब दुखों का मूल है।

   जो नसीहत नहीं सुनता उसे लानत-मलामत सुनने का शौक होना चाहिए।

  घृणा, घृणा से कभी कम नहीं होती, प्रेम से ही होती है।

  पाप का संचय ही दुःखों का मूल है।