बाबर के भारत आने से लेकर मुगलों को वापस खदेड़ने तक, क्या है महाराणा संग्राम सिंह (राणा सांगा) का पूरा इतिहास।

महान इतिहासकार सतीश चंद्र अपनी किताब मेडिवल हिस्ट्री ऑफ इंडिया में लिखते हैं कि 1520-21 में पंजाब के सूबेदार दौलत खान ने एक प्रतिनिधिमंडल बाबर के पास भेजा था। वह अपने भतीजे इब्राहिम लोदी की सत्ता से खुद को अलग करना चाहता था। इस प्रतिनिधिमंडल ने बाबर को भारत आने का न्योता दिया था। जब ये बात मेहंदी ख्वाजा को पता चली कि सांगा युद्ध करने आ रहे हैं, तो उसने बाबर से सेना की मांग की। फिर बाबर ने अपनी सेना की कुछ टुकड़ी को युद्ध के लिए भेज दिया, जिसका सेनापति सुल्तान मिर्जा था। राणा सांगा ने दोनों को मार भगाया था। कहा जाता है जब मुगल सेना भाग रही थी, तब उनके पास एक वाद्य यंत्र था जिसका नाम तासा (TASA) था। वो उसे वहीं छोड़ गए थे,
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