IPL ने आखिर कैसे कमाए ₹49,000 करोड़? समझिये पूरा बिजनेस मॉडल

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IPL 2025:

यह तो आप जानते ही होंगे कि 22 मार्च 2025 को विश्व कि सबसे बड़ी लीग आईपीएल का आगाज हो चुका है। जिसके कारण क्रिकेट की दीवानगी रखने वाला हर व्यक्ति रोज शाम को 8 बजने का इंतजार करेगा, और 8 बजते ही क्रिकेट प्रेमियों का त्यौहार शुरू हो जाएगा। लेकिन आपको अंदाजा भी नहीं होगा कि आईपीएल एक क्रिकेट लीग होने पर भी कमाई का कितना बड़ा तरीका है। आप इस बात से अंदाजा लगा सकते हैं कि आईपीएल की विजेता टीम को 20 करोड़ रुपए मिलते है, लेकिन जाने-माने क्रिकेटर ऋषभ पंत को लखनऊ सुपर जायंट्स ने 27 करोड़ रुपये दिए हैं।

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क्या है IPL का बिज़नेस मॉडल?

आईपीएल सिर्फ क्रिकेट ही नहीं, बल्कि एक बिज़नेस मॉडल भी बन गया है। मीडिया राइट्स, स्पॉन्सरशिप, टिकट बिक्री, कई जगह डिजिटल स्ट्रीमिंग और भी बहुत से अन्य स्रोत हैं, जिसके कारण आईपीएल हर साल हजारों-करोड़ों रुपये कमाता है।

  • IPL के मीडिया राइट्स

भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) ने मीडिया राइट्स सिर्फ डिज़्नी+हॉटस्टार (Disney+Hotstar) और वायकॉम18 (Viacom18) को ही दिए हैं, दरअसल इन्होनें 5 साल के लंबे अंतराल के लिए 48,390 करोड़ रूपये दिए है।असल में होता यह है कि जैसे आईपीएल से पहले प्लेयर्स का ऑक्शन होता हैं वैसें ही मीडिया राइट्स के लिए भी एक ऑक्शन होता है, इसमें जिसकी बिड सबसे ज्यादा होती है उसी को मीडिया राइट्स मिलते है। जैसे डिज़्नी+हॉटस्टार ने टीवी राइट्स के लिए 23,575 करोड़ और वायकॉम18 ने डिजिटल राइट्स के लिए 23,758 करोड़ रूपये दिए हैं।

  • IPL की स्पॉन्सरशिप डील्स
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IPL की स्पॉन्सरशिप डील्स

टाटा, ड्रीम11, वीवो, पेप्सी और भी ऐसी कई कंपनियाँ जो अपने नाम का टाइटल आईपीएल में लगाने के लिए भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) को सालाना पैसे देते हैं। जैसे 2023 से लेकर 2027 तक के आईपीएल के लिए टाटा स्टील इंडस्ट्रीज़ ने 2,500 करोड़ रुपये दिए हैं। कोई और भी अगर स्पॉन्सर करना चाहे तो वो बोर्ड और टीमों को अलग-अलग पैसे देते है, जैसे की एसोसिएट स्पोंसर्स देते हैं।

  • IPL की एसोसिएट स्पोंसरशिप
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स्पोंसरशिप से और ज्यादा रेवेन्यू पाने के लिए एसोसिएट पार्टनर्स को स्पोंसरशिप दी जाती हैं, ये वो ग्रुप्स होते जिन्हें IPL में विज्ञापन करने का मौका मिलता हैं। वर्तमान में आईपीएल के साथ Angle one, My11Circle और Rupay जैसे कई एसोसिएट पार्टनर जुड़े हुए हैं। स्पोंसरशिप का आधा पैसा फ्रैंचाइज़ी और आधा भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) के अकाउंट में जाता है।

IPL revenue by jio sonsership .

जैसा कि आपने कुछ फ्रैंचाइज़ी टीम के कपड़ों पर Dream11 का लोगो (LOGO) और कुछ के कपड़ों पर JIO का लोगो देखा ही होगा। आपको बता दें कि इन छोटे-छोटे लोगो (LOGO) से भी बहुत अच्छा रेवेन्यू आता है। ये पैसा सीधा फ्रैंचाइज़ी के अकाउंट में जाता है, इसी पैसे से वो प्लेयर्स को उनकी सैलरी देती हैं।

  • IPL की टिकट बिक्री
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IPL की टिकट बिक्री

हम सभी जानते हैं कि हर फ्रैंचाइज़ी के जगह-जगह समर्थक रहते है और वो लोग स्टेडियम के टिकट लेकर उन्हें सपोर्ट करने आते है। बड़े मैचों में 10 से 20 करोड़ तक के टिकट बिक जाते हैं, जिसके कारण फ्रैंचाइज़ी को बहुत फायदा होता है। जितना पैसा इससे आता है ये पूरा पैसा फ्रैंचाइज़ी का नहीं होता है, इसमें से 20 प्रतिशत भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) और स्पोंसर्स को देना पड़ता हैं।

  • IPL की स्ट्रीमिंग और विज्ञापन

हर साल आईपीएल की ऑनलाइन स्ट्रीमिंग जिओ सिनेमा पर फ्री होती थी, लेकिन इस साल हमें IPL देखने के लिए सब्सक्रिप्शन लेना पड़ रहा है। जिसके कारण जिओ हॉटस्टार की बहुत कमाई हो रही है। वहीँ दूसरी तरफ Dream11, MPL, My11Circle जैसे ऐप्स बड़े खिलाड़ियों से अपने विज्ञापन का प्रमोशन कराते हैं जिसके कारण प्लेयर्स और फ्रैंचाइज़ी बहुत पैसे कमाते है।

क्यों देनी पड़ती है फ्रैंचाइज़ी फीस?

आपको बता दें कि फ्रैंचाइज़ी फीस हमेशा से ही IPL के फाइनेंसियल इकोसिस्टम का हिस्सा रही है। इससे मिलने वाला सारा पैसा भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) के अकाउंट में जाता है। फ्रैंचाइज़ी राइट्स पाने के लिए फ्रैंचाइज़ी फीस देना आवश्यक होता है। इसकी इन्स्टालमेन्ट 10 साल तक चलती है, जिस भी ग्रुप की इन्स्टालमेन्ट पूरी हो जाती है, उसे फ्रैंचाइज़ी स्थायी रूप से मिल जाती है।

earning of IPL

उदहारण के रूप में आपको बता दें कि साल 2021 में लखनऊ सुपर जायंट्स ने ₹7,090 करोड़ और गुजरात टाइटन्स ने 5,625 करोड़ रुपये भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) को फ्रैंचाइज़ी ओन करने के दिए है। 10 साल के बाद यानि 2031 तक दोनों ग्रुप्स की इंस्टॉलमेंट्स पूरी हो जाएंगी, तब फ्रैंचाइज़ी स्थायी रूप से उन ग्रुप्स के पास शिफ्ट हो जाएगी।

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