Myanmar Earthquake 2025:
म्यांमार भूकंप 2025: ये बात है 28 मार्च 2025 दोपहर के समय कि जब म्यांमार के दूसरे सबसे बड़े शहर मांडले (Mandalay) के सगैंग छेत्र (Sagaing region) में 7.7 की तीव्र गति से एक ऐसा भूकंप आया, जिसने पूरी तरह से म्यांमार को हिला कर रख दिया। आपको बता दें कि इससे पहले भी म्यांमार में बहुत से भूकंप आए हैं, लेकिन इस भूकंप ने पूरी मानव-जाती के अंदर एक अलग ही डर पैदा कर दिया है। आइये जानते हैं क्या है इस भूकंप के पीछे के कारण या क्या यह है किसी बड़ी आपदा का संकेत।


THIS BLOG CONTAINS:
- क्या है म्यांमार भूकंप के पीछे का कारण?
- पड़ोसी देशो पर क्या म्यांमार भूकंप का प्रभाव?
- कैसे पड़ा देश की सामाजिक और आर्थिक स्थिति पर गहरा प्रभाव?
- भारत ने कैसे भेजी मदद?
- पेशाब पीकर कैसे रहा एक इंसान 5 दिन जिन्दा?
- क्या ये है आने वाली आपदा का कोई संकेत?
क्या है म्यांमार भूकंप के पीछे का कारण?

इंडियन प्लेट (INDIAN PLATE) और बर्मा माइक्रोप्लेट ( BURMA MICROPLATE) में टकराव होने के कारण 28 मार्च 2025 दोपहर के समय, म्यांमार के दूसरे सबसे बड़े शहर मांडले (Mandalay) के सगैंग छेत्र (Sagaing region) में 7.7 की तीव्र गति से एक भूकंप आया। बताया जा रहा है कि भूकंप के पहले झटके के 11 मिनट के बाद ही एक और भूकंप का झटका लगा था, जो 6.7 की तीव्रता का था।
जहाँ कुछ दिन पहले मरने वालो की संख्या 2500 और घायलों की संख्या 3000 से भी कम थी। लेकिन बताया जा रहा है, अब मरने वालो की संख्या 2500 से बढ़कर 3145 हो गई है और घायलों की संख्या 4715 से भी अधिक हो गयी हैं। कई सेवा संस्थानों के द्वारा अनुमान लगाया जा रहा है कि मरने वालो की संख्या 10,000 तक हो सकती है।
म्यांमार भूकंप का पड़ोसी देशो पर प्रभाव?


वैज्ञानिको द्वारा बताया जा रहा है कि म्यांमार में आए भूकंप का प्रभाव 1000 किलोमीटर तक मौजूद देशों में हो सकता है। इस भूकंप को आए हुए अभी कुछ ही समय हुआ था कि म्यांमार के पड़ोसी देश थाईलैंड (THAILAND) की राजधानी बैंकाक में भी इसका असर दिखाई दिया है। ऊपर दी गयी तस्वीरों में आप देख रहे होंगे कि किस तरह इस भूकंप ने 33 मंजिली बिल्डिंग को कुछ ही पलों में गिरा दिया। जिसके कारण उस बिल्डिंग में काम कर रहे 19 कार्यकर्ता (WORKERS) की मलवे में दबकर मौत हो गई और कुछ अभी भी मलवे में फंसे हुए हैं।



ऊपर दी गई तस्वीरों में आप देख रहे होंगे कि बैंकाक में बिल्डिंग के ऊपर बने स्विमिंग पूल का पानी, भूकंप के कारण किस तरह ऊपर से नीचे गिर रहा हैं।
कैसे पड़ा देश की सामाजिक और आर्थिक स्थिति पर गहरा प्रभाव?

7.7 की तीव्रता से आने वाले भूकंप के कारण पूरे म्यांमार की सामाजिक और आर्थिक स्थिति बिगड़ गयी है।
- सामाजिक स्थिति – इतनी तीव्र गति से आए इस भूकंप के कारण म्यांमार की सामाजिक स्थिति पर बहुत ख़राब असर पड़ा है। इससे बहुत से स्कूल, अस्पताल और हजारों मकान गिर गए हैं, जिसके कारण लोगो को सड़को पर रहना पड़ रहा है। म्यांमार में लोगो का मानसिक संतुलन बिगड़ गया है, जिसके कारण वो लोग हर समय परेशान, डरे हुए और चिंतित रहते हैं।
- आर्थिक स्थिति – इस भूकंप के कारण म्यांमार की आर्थिक स्थिति पर भी बहुत नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। उद्योग और व्यापार के कारण ही म्यांमार की आर्थिक स्थिति बनी रहती थी, लेकिन सभी चीजों के टूट-फूट जाने से इस पर बहुत ख़राब असर पड़ा है। म्यांमार के अंदर जितनी भी फसल लगी हुई थी, सभी इस भूकंप के कारण बर्बाद हो गयी है। जिसके कारण म्यांमार में खाने की कमी हो गयी है।
म्यांमार भूकंप के बाद भारत ने कैसे भेजी मदद?
म्यांमार में आए भूकंप के बारे में पता लगते ही भारत सरकार ने अपनी तरफ से सभी प्रकार की मदद भेजी। जैसे टेंट, कंबल, बहुत सारा खाना और पीने लायक साफ़ पानी। भारत सरकार ने कुछ डॉक्टर्स की ऐसी टीमें भेजी जो अपने साथ सभी प्रकार की दवाइयाँ लेकर गईं, जिन्होंने वहाँ जाकर अस्थायी चिकित्सा केंद्र लगाए और लोगों की मदद करने में अपना हाथ बढ़ाया।
भारत सरकार ने अपनी राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) की कुछ टीमें को बचाव और राहत कार्यो में सहायता के लिए भी भेजा। जिन्होंने मलवे में फसे लोगों को निकालने में मदद की और घायलों को चिकित्सा भी देने का भी काम किया।
पेशाब पीकर एक शख्स कैसे रहा 5 दिन जिंदा?
जब 7.7 की तीव्रता वाला भूकंप आया, तब प्राइमरी स्कूल के एक हेडमास्टर टिन माउंग हटवे (Tin Maung Htwe) जो उस समय भूकंप के केंद्र सागाइंग के नजदीकी होटल में थे। तब उन्हें अपने स्कूल की वो पढ़ाई याद आ गयी जिसमें उन्होंने पढ़ा था, जब कोई भी भूकंप आए तो किसी बिस्तर या टेबल के निचे छिप जाना चाहिए, इसलिए वो होटल के कमरे में मौजूद एक बेड के नीचे चिप गए। वे उस मलवे में 5 दिन तक दबे रहे, जहाँ सिर्फ दो चीजें उनके काम आयीं वो थी उनकी स्कूल की पढ़ाई और दूसरा उनका पेशाब।
मलवे से बाहर निकलने के बाद उन्होंने सभी को बताया कि “पूरा होटल गिर गया, मुझे लगा मैं नरक में था,मैं ‘मुझे बचाओ, मुझे बचाओ चिल्ला रहा था। डर के कारण मेरा शरीर बहुत गर्म हो गया था और मुझे सिर्फ पानी की जरुरत थी, जिसके कारण मुझे अपनी जान बचाने के लिए बॉडी से निकला यूरिन पीना पड़ा।“
कहीं यह आने वाली आपदा का कोई संकेत तो नहीं?



ऊपर दी गई तस्वीरों में आप समुद्र में रहने वाले, कुछ अलग ही दिखने वाले जीव देख रहे होंगे। माना जाता है कि ये समुद्री जीव एक बड़े खतरे का संकेत होते है। 2011 में जापान में जब एक भूकंप आया था, उससे कुछ दिन पहले और बाद में भी इस तरह के समुद्री जीव देखे गए थे। यही समुद्री जीव अभी हाल ही में पाए गए हैं, तो वैज्ञानिको द्वारा ये अनुमान लगाया जा रहा है की म्यांमार के भूकंप के बाद भी कोई और घटना घट सकती है। इसलिए हमें सतर्क रहना होगा।
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