सॉरक्रॉट (Sauerkraut): गोभी से बना यह जर्मनी का राष्ट्रीय व्यंजन कहा जाने वाला सॉरक्रॉट, धीरे-धीरे भारत में भी पहचाना जाने लगा है। भारत में इसे खट्टी गोभी के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि इसे बनाने में फर्मेन्टेड चीजों का इस्तेमाल किया जाता हैं। आपने अपने जीवन में गोभी से बने बहुत से व्यंजन खाए होंगे, लेकिन यह एक विशेष व्यंजन है। जो सिर्फ स्वादिष्ट ही नहीं बल्कि शरीर के लिए फायदेमंद भी होता है। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।

THIS BLOG CONTAINS:
- क्या है सॉरक्रॉट?
- घर पर कैसे बनाएं?
- क्या हैं इसके हेल्थ बेनिफिट्स?
- खाते समय अपनाएँ ये सावधानियाँ
क्या है सॉरक्रॉट (Sauerkraut)?
ये वही खाद्य-पदार्थ है, जिसे चीन कि दीवार (The Great Wall of China) के निर्माण के समय चावल की शराब में मिलाकर मजदूरों को खिलाया जाता था। जर्मनी का राष्ट्रीय व्यंजन कहा जाने वाला सॉरक्रॉट प्राकृतिक किण्वन यानि फर्मेंटेशन (Fermentation) से तैयार होता है। जो खाने में स्वादिष्ठ होता है।
भारत में सॉरक्रॉट को खट्टी गोभी के नाम से भी जाना जाता है। आपको बता दें कि भारत में फर्मेन्टेड फूड्स जैसे आचार, कांजी, इडली आदि पहले से ही बहुत लोकप्रिय हैं, भारत में इतनी प्रसिद्ध न होने के कारण भी यह अपने प्रोबायोटिक गुणों की वजह से काफी पहचानी जाने लगी है।
घर पर कैसे बनाएं?
घर पर सॉरक्रॉट (Sauerkraut) को बनाने की प्रक्रिया बहुत ही सरल है, लेकिन इसे बनाने के लिए थोड़ा धैर्य रखना जरुरी होता है। क्योंकि इसमें लैक्टिक एसिड फर्मेंटेशन (Lactic acid fermentation) का उपयोग होता है। इसे बनाने में थोड़ा समय अवश्य लगता है, लेकिन इससे सॉरक्रॉट का स्वाद बढ़ता है और प्राकृतिक रूप से प्रोबायोटिक गुण भी उत्पन्न हो जाते हैं।
इसे बनाने के लिए एक ताजी कटी बंदगोभी लें और उसका ऊपर का पत्ता हटाने के बाद थोड़ा बारीक काट लें, इसके बाद कटी हुई गोभी में थोड़ा सेंधा नमक या दूसरा कोई नमक मिलाएं। अगर आप चाहे तो स्वाद के लिए थोड़ा मसाला भी मिला सकते हैं, जिससे यह होगा कि गोभी से पानी निकलने लगेगा। अगर गोभी की सही मात्रा के अनुसार पानी न निकले तो इसमें थोड़ा नमक का पानी ऊपर से मिला दें। जिससे गोभी पूरी तरह से नमक के पानी में डूबी रहेगी और अच्छे से तैयार हो जाएगी। इसे एक कांच या मिट्टी से बने साफ़ जार में भरे और गोभी को दबाकर ऊपर से कोई वजन रख दें, ताकि यह अच्छे से तैयार हो सके। 7-15 दिनों में ही यह बनकर तैयार हो जाएगा, तब इसे थोड़ा चखकर देखें। जब यह खट्टा और स्वादिष्ट लगने लगे, तब इसे फ्रिज में या ठंडी जगह पर संभालकर रख दें।
क्या हैं इसके हेल्थ बेनिफिट्स?
सॉरक्रॉट कई हेल्थ बेनिफिट्स से भरपूर होता है। इसमें ऐसे बहुत से प्रोबायोटिक गुण होते हैं, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए जरुरी होते हैं। आइए जानते हैं इसके कुछ महत्वपूर्ण हेल्थ बेनिफिट्स के बारे में।
- फर्मेंटेशन (Fermentation) के समय सॉरक्रॉट के अंदर कुछ लैक्टोबेसिलस जैसे अच्छे बैक्टीरिया उत्पन्न हो जाते हैं। जिससे हमारी आंते (Intestine) पाचन के लिए मजबूत बनी रहती हैं।
- इसमें मौजूद विटामिन C, आयरन और प्रोबायोटिक्स हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाते हैं और हमें सभी तरह के इन्फेक्शन से बचाने का काम करते हैं।
- आजकल लगभग 100 में से 90 व्यक्ति मोटापे से जूझ रहे हैं। आपको बता दें कि सॉरक्रॉट में कैलोरी कम होती हैं, जिससे यह वजन कम करने में सहायक होता है।
- इसमें पाए जाने वाले प्रोबायोटिक्स गुण हमारे मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होते हैं। इसका सेवन करने से स्ट्रेस का लेवल कम होता है।
- आपको बता दें कि इसमें बहुत से फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट भी पाए जाते हैं जिसके कारण हमारे शरीर में कोलेस्ट्राल का संतुलन बना रहता है।
खाते समय अपनाएँ ये सावधानियाँ?
सॉरक्रॉट (Sauerkraut) या खट्टी गोभी को खाते समय हमें कुछ सावधानियों को अपनाने की जरुरत है। क्योंकि हर एक व्यंजन को खाने की एक लिमिट होती है, अगर हम हेल्दी फ़ूड को भी बहुत ज्यादा मात्रा में खा लेते हैं तो वह भी हमें नुकसान दे सकता है और हम बीमार पड़ सकते हैं ।
आइए जानते हैं कि इसे खाते समय हमें किन बातों का ध्यान रखना चाहिए:
- इसके अत्यधिक सेवन से हमें बचना चाहिए, क्योंकि बहुत ज्यादा खाने से गैस और अपच जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
- इसके अंदर सोडियम की मात्रा ज्यादा होती है, इसलिए हाई ब्लड प्रेशर वाले लोगों को इसे सीमित मात्रा में खाना चाहिए।
- अगर हो सके तो सॉरक्रॉट को घर पर बनाने की कोशिश करें, क्योंकि बाजार से खरीदे गए पैकेट में पाश्चुरीकरण किया जाता है। जिससे सॉरक्रॉट के अंदर मौजूद प्रोबायोटिक्स नष्ट हो जाते हैं।
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