Tulsi Benefits in hindi:
हिन्दू धर्म में तुलसी के पौधे को धार्मिक रूप से बहुत ज्यादा महत्व दिया जाता है। हिन्दू लोग तुलसी को माता कहकर सम्बोधित करते हैं, साथ ही तुलसी के वृक्ष को नित्य जल अर्पित करके, शाम के समय पौधे के नीचे दीपक जलाते हैं और पूजा करते हैं। आपको बता दें कि तुलसी सिर्फ अधयत्मिक रूप से ही नहीं बल्कि वैज्ञानिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण जड़ी-बूटी है, इसके औषधीय गुण इसे ख़ास बनाते हैं। तुलसी को बेसिल भी कहा जाता है। यह पुदीना परिवार की एक जड़ी-बूटी है, जिसकी सामान्य लम्बाई लगभग 1 से 2 फुट होती है। यह पौधा काफी संवेदनशील माना जाता है।

तुलसी का परिचय
तुलसी एक पवित्र और औषधीय गुणों से भरपूर पौधा है, जिसे हमारी भारतीय संस्कृति में काफी ऊँचा स्थान प्राप्त है। तुलसी को आयुर्वेद और चिकित्सा में एक महत्वपूर्ण औषधि के रूप में उपयोग किया जाता हैं। इसका वैज्ञानिक नाम ओसीमम सैंक्टम (Ocimum sanctum) है।
तुलसी के प्रकार :
- राम तुलसी
राम तुलसी एक पवित्र पौधा है, जिसकी पत्तियाँ हल्के हरे रंग की होती हैं। इसकी पत्तियों का स्वाद हल्का मीठा और सौम्य होता है, इसके अंदर सुगंध थोड़ी कम आती है लेकिन यह सुगंध ताजगी भरी होती हैं। आपको बता दें कि ये एक तेजी से बढ़ने वाली प्रजाति है जो कम देखभाल में भी बहुत अच्छी होती हैं। राम तुलसी में ज्यादा मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट और एंटीबैक्टीरियल पाए जाते हैं, जिससे हमारे शरीर की इम्युनिटी मजबूत होती है।

- श्याम तुलसी
श्याम तुलसी एक ऐसी प्रमुख और औषधीय गुणों से भरपूर प्रजाति है, जिसे हम सभी बीमारियों में इस्तेमाल कर सकते हैं। इसकी पत्तियाँ गहरे हरे और जामुनी रंग की होती हैं, जिसके कारण इसे कृष्ण तुलसी भी कहा जाता है। इसकी पत्तियों का स्वाद हल्का तीखा और कड़वा होता है साथ ही इसकी सुगंध तेज और ताज़गी भरी होती है। इस प्रजाति का विकास बहुत धीमा होता है, लेकिन यह एक औषधीय गुणों से भरपूर प्रजाति मानी जाती है।

इसमें भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट, एंटीवायरल और एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं, जो हमारे शरीर को बीमारियों से बचाते हैं। दरअसल श्याम तुलसी दिल को स्वस्थ रखने का काम करती है, ये हमारे ब्लड में कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कम करके ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखती है।
- वन तुलसी
वन तुलसी गुणों से भरपूर एक दुर्लभ प्रजाति है, जिसे आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा में विशेष महत्व दिया गया है। इसका वैज्ञानिक नाम ऑसीमम ग्रेटिसिमम (Ocimum gratissimum) है, इसे आमतौर पर जंगली तुलसी के नाम से भी जाना जाता है। वन तुलसी दूसरी प्रजातियों कि तुलना में अधिक ऊंचाई तक बढ़ सकती है। इसकी पत्तियाँ गहरे हरे रंग की होती हैं और स्वाद थोड़ा कड़वा एवं तीखा होता है। इसकी सुगंध अन्य प्रजातियों की तुलना में अधिक तेज होती हैं और लम्बाई 4 से 6 फुट तक हो सकती है। ये सबसे ज्यादा पहाड़ी इलाको में उगती है, जहाँ इसे मरुआ कहते हैं।

वन तुलसी की पत्तियों का नित्य सेवन अस्थमा, ब्रॉंकइटिस और फेफड़ो से सम्बंधित बीमारियों से छुटकारा दिलाता है। वन तुलसी का सेवन ब्लड-शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है और ये हमारे मानसिक स्वास्थ्य को भी सही रखता है।
हिन्दू धर्म में क्या है तुलसी की मान्यता?
हिन्दू धर्म में तुलसी का पौधा बहुत पवित्र माना जाता है, जहाँ इसे माता का दर्जा दिया गया है। तुलसी के पौधे को लोग अपने घर के आंगन में लगाते है, जिससे बीमारियाँ दूर रहती हैं। आपको बता दें कि पूजा के बाद प्रसाद में मिलने वाले पंचामृत में तुलसी के पत्तों का बहुत महत्त्व है। कहा जाता है, कि तुलसी के पत्तो में किसी भी चीज़ को अमृत में बदलने की क्षमता होती है। हिन्दू धर्म में तुलसी को वृंदा सखी भी कहा गया है।
- तुलसी की माला

तुलसी की माला का हिन्दू धर्म में बहुत महत्व है, इसे एक अत्यंत पवित्र और महत्वपूर्ण माला कहा गया है। यह तुलसी की टहनियों की गुरियों से बनाई जाती है, जिसमें 108 गुरिया होती हैं। यह माला मानसिक शांति और ध्यान को बढ़ाने में सहायक होती है, इस माला को धारण करने वाले को कभी अकाल मृत्यु का सामना करना नहीं पड़ता। ऐसा माना जाता है, कि तुलसी माला धारण करने वाले से नकारात्मक शक्तियाँ दूर रहती हैं। यही कारण है कि तुलसी माला एक धार्मिक आभूषण नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक सुरक्षा कवच कहलाती है।
तुलसी के औषधीय फायदे
तुलसी को आयुर्वेद और चिकित्सा में बहुत महत्पूर्ण पौधा माना गया है, क्योंकि इससे बनी सारी औषधीय सामग्रीयों से शरीर को एक सकारत्मक ऊर्जा मिलती है। इसी कारण तुलसी को सभी “जड़ी-बूटियों की रानी” कहा जाता है।
- तुलसी के पौधे में पाए जाने वाले एंटीवायरल और एंटीबैक्टीरियल गुण हमारी इम्युनिटी बढ़ाते हैं।
- तुलसी का पौधा पूरे दिन में 20 घंटे ऑक्सीजन प्रदान करता है।
- तुलसी की पत्तियों का अर्क डीएनए (DNA) में होने वाले डैमेज को कम करता है।
- तुलसी की पत्तियां चबाने से खून का संचार सही रहता है, जिसके कारण दिल की बीमारियों का खतरा कम हो जाता है।
- तुलसी की पत्तियों के अर्क में कैंसर से बचाव के गुण होते हैं।
- तुलसी की पत्तियों में एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं, इसके पत्तों का नित्य सेवन करने से पाचन क्रिया तेज होती है।
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